Monday, June 20, 2011

असम में अब उग्रवाद से नहीं,अंधविश्वास से हो रही है हत्याएं

राजीव कुमार
असम में अब उग्रवाद से कहीं ज्यादा हत्याएं अंधविश्वास से हो रही है।राज्य की कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सेवा में आमूल-चूल परिवर्तन का दावा करती है,पर हकीकत इससे कोसों दूर है।अंदरुनी गांवों में आज भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं है।इसके कारण लोग कविराज की झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं।कविराज जब रोगी को स्वस्थ नहीं कर सकता तो किसी को डायन बताकर उसके चलते ऐसा हो रहा है,यह कह देता है।रोगी के परिजन को यह कह दिया जाता है कि इस डायन के रहते रोगी ठीक नहीं हो सकता यानी उसको इस दुनिया से ही रवाना कर देना है।इन सबके चलते ही बोड़ो बहुल इलाकों में डायन बताकर महिलाओं की निरंतर हत्याएं हो रही है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस बात को गंभीरता से लिया है।आयोग ने कोकराझाड़ जिले में अप्रेल महीने में छह महिलाओं की हत्या से संबधित रिपोर्ट जिले के पुलिस अधीक्षक को चार हफ्ते में देने को कहा है।पर इससे समस्या का खात्मा नहीं होगा।2001 में कोकराझाड़ जिले के थाइगारगुड़ी में डायन बताकर एक दंपत्ति की हत्या हुई तो असम पुलिस ने इस कुप्रथा के खात्मे के लिए प्रोजेक्ट प्रहरी नामक एक योजना शुरु की।योजना का मकसद था गांवों में स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा अंधविश्वास को दूर करने के लिए जागरुकता फैलाना।पर दस साल बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी।आज भी डायन हत्याएं जारी है।

उदालगुड़ी जिले के माजबाट से बीस किमी दूर अरुणाचल सीमा से सटा है टिक्रीटिला बादानगुड़ी गांव।गांव के लोग शिक्षा व स्वस्थ सेवा से वंचित हैं।गांव के धरनीधर बसुमतारी की पत्नी मंजु बसुमतारी ने छठी बार संतान को जन्म दिया और इसके तीन हफ्ते बाद अस्वस्थ हो गई।धरनी ने इलाज के लिए कविराज का सहारा लिया।पर इससे फायदा नहीं हुआ और बसुमतारी की सात बीघा जमीन साढ़े पंद्रह हजार रुपए में बंधक चली गई।जब कविराज धरनी की पत्नी को ठीक नहीं कर पाया तो उसने पल्ला झाड़ने के लिए कह दिया कि पड़ोस की तीन महिलाएं डायन है।इन लोगों के झाड़-फूंक के कारण मंजु ठीक नहीं हो रही है।इसके चलते धरनी ने गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर जोगेन बोड़ो और उसकी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया।पर गैर सरकारी संगठन वूमेन जस्टिस फोरम के सहयोग से बाद में धरनी की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पता चला कि महिला के शरीर में खून नहीं है।साथ ही वह ह्रदय रोग से पीड़ित है।मंजु की शादी 14 साल में हो गई और पिछले दस सालों में उसने छह संतानों को जन्मा है।अब मेडिकल इलाज से मंजु स्वस्थ है।

अब धरनी को पूरी तरह विश्वास हो गया कि डायन नाम की कोई चीज नहीं है।तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक बेकार की बातें हैं।अब वह इस कुप्रथा के खिलाफ सजगता फैलाएगा।धरनी के गांव में कोई अस्पताल नहीं है।इलाज के लिए 15-20 किमी का सफर तय करना पड़ता है।इसके चलते गांव के लोग सहज ही झाड़-फूंकवाले के चक्कर में पड़ जाते हैं।शिक्षा के नाम पर एक प्राथमिक विद्यालय है।पर इसमें भी नियमित कक्षाएं नहीं होती।

वूमेन जस्टिस फोरम की अध्यक्ष अंजलि दैमारी का कहना है कि जो अंधविश्वास के चलते लोगों की हत्याएं करते हैं उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।साथ ही असम पुलिस के प्रोजेक्ट प्रहरी को अधिक कारगर ढंग से लागू करनी चहिए।असम पुलिस के महानिदेशक शंकर बरुवा का कहना है कि हम इस कुप्रथा से निपटने के लिए राज्य महिला आयोग और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करने को इच्छुक हैं।पुलिस का राज्यभर में विस्तृत नेटवर्क है और यह इस कुप्रथा की रोकथाम में कारगर हो सकता है।बरुवा ने जिला पुलिस को निर्देश दिया है कि वे इस ओर कार्य करनेवाले संगठनों को मदद करे।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा प्रोजेक्ट प्रहरी के जनक कुल सैकिया ने कहा कि इस पर विचार विमर्श के बाद कठोर कानून लाने की जरुरत है।ला रिसर्च इंस्टीट्यूट की निदेशक जेउति बरुवा का कहना है कि कानून लाकर सती और बाल विवाह पर अंकुश लगाया जा सकता है तो राज्य में जारी डायन हत्याओं पर कानून लाकर अंकुश लगाया जा सकता है।

एक समय था जब राज्य में उग्रवाद के चलते हर रोज किसी की हत्या होती थी,पर अब स्थितियां बदल गई है।अंधविश्वास की जकड़न राज्य में अब भी इतनी गहरी है कि लोग मेडिकल इलाज कराने के बदले झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं और किसी को डायन बताकर हत्या कर देते हैं।राष्ट्रीय स्वास्थ्य ग्रामीण मिशन के तहत करोड़ो खर्च कर राज्य की स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने की कोशिश हो रही है।पर गांवों में जिस तरह लोग अब भी झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं और जिस तरह अंधविश्वास की जकड़न में है उससे नहीं लगता कि मिशन का फायदा हुआ है।विज्ञान के युग में और आजादी के 63 साल बाद भी स्थिति में बदलाव न होना शर्मनाक है।(लेखक पूर्वोत्तर के वरिष्ठ पत्रकार हैं)

लेखक का पता-
राजीव कुमार
एम-23 प्रागज्योति हाउसिंग कांपलेक्स सोसाइटी,
एस बी रोड,खानका मस्जिद के पास,
घोरामोरा,गुवाहाटी-28
मोबाइल-9435049660